पाकिस्तान के विश्व विख्यात महाकवी और सायर "फ़ैज़ अहमद फ़ैज़", जिनके इंक़लाबी और रूमानी रचनाओं की कायल है दुनिया
भारत उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे. जिन्हें अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसक भाव यानी इंकलाबी और रूमानी मेल की वजह से जाना जाता है. सेना , जल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फौज ने कई नज्म और गजलें लिखी था तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी दौर की रचनाओं के लिए जाने जाते थे. उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया गया था. फैज पर कई बार कम्यूनिस्ट होने और इस्लाम से इतर रहने के आरोप लगे थे पर उनके रतनाओं में गैर-इस्लामी रंग नहीं मिलते. जेल के दौरान लिखी उनकी कविता "जिन्दान-नामा" को बहुत पसंद किया गाया था. उनके द्वारा लिखी गई कुछ पंग्तियां अब भारत- पाकिस्तान की आम भाषा का हिस्सा बन चुकी है. उनका जन्म 13 फ़रवरी 1911 को लाहौर के पास सियालकोट शहर, पाकिस्तान तत्कालीन भारत में हुआ था. उनके पिता सियालकोट में एक भूमिहीन किसान थे जो अफ़गान राजा के अंग्रेज़ी अनुवादक के तौर पर 19 साल अफ़गानिस्तान में रहे. बाद में लौटकर बैरिस्टर बने और उनका परिवार एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार था. उनकी आरंभिक शिक्षा उर्दू, अरबी तथा फ़ारसी में हुई जिसमें क़ुरआन को कंठस्थ करना भी शामिल ...