शैलेश कुमार:-
पिछले कई बर्ष से जाति आधारित जनगणना को लेकर विपक्ष और राहुल गांधी केंद्र की बीजेपी सरकार को संसद से लेकर सड़क तक घेरते आ रहे है. कई बड़े मैंको पर राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना कराने की बात कही है. विपक्ष का मानना था कि देश में जिसकी जितनी संख्या है देश में उसकी उतनी ही हिस्सेदारी होनी चाहिए. अंतत: केंद्र सरकार विपक्ष और राहुल गांधी के इस मुद्दे पर घुटने टेकती नजर आ रही है. 30 अप्रैल 2025 को मोदी कैविनेट में जाति आधारित जनगणना कराने का फैंसला किया गया है.
मोदी कैबिनेट ने बुधवार को यह फैसला विया कि देश में जाति आधारित जनगणना कराएगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी बैष्णव ने कहा कि जातियों की गणना जनगणना में होगी. सरकार ने जानकारी दी कि अगली जनगणना में जातियों की भी गणना होगी. पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुघवार को कैविनेट मीटिंग हुई. इससे पहले जातिय जनमणना का विरेध करने वाली केंद्र सरकार अपनी खुद की पीठ थपछपाने में लग गई है और यह मोदी का मार्टर स्ट्रोक बता रही है.
देश के केंद्रिय मंत्री अश्विनी वैभव ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेसा ही जातियों का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए किया है. कांग्रेस पार्टी और विपक्षी दलों ने पहले से ही जातिगत जनगणना की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कैंद्र सरकार विपक्षी दलों पर जाति विरोधी बता कर राजनीति करने में लगी थी, लेकिन जबकि अब बिहार में नितीस और बीजेपी को अपनी साक बचानी है तो देश में जाति का भंड़ा फोड कर दिया है.
बता दें कि जाति आधारित जनगणना को बिहार में आगामी चुनाव को लेकर जोड़ा जा रहा है. एक तरफ जहां बीजेपी इसको बड़ी जीत बता रही है वहीं जानकार यह भी मान रहे हैं कि बीजेपी विपक्ष के सामने घुटने टेक दिया है. विपक्ष ने भी इसको अपनी पड़ी जीत मान परा है.
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