भारत और इंग्लैंड के बीत पांच टेस्ट मुकाबले का पहला मैच आज लीड्स में खेला जाएगा. भारत के लिए यह मुकाबला काफी चुनौती पूर्ण होने वाला है. इंग्लैंड के अनुभव लैस खिलाडियों के सामने आज की इंडियन टीम कहीं पर नही दिखती है, लेकिन गौतम गंभीर की अगुआई वाली भारतीय युवा ब्रिगेड में एक जज्वा देखा जा सकता है. बतौर कप्तान शुभमन गिल के लिए यहां बहुत ही बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. इस मुकाबले के जरुए भारत विश्न टेस्ट चैंपिएनशिप का आगाज भी करने वाला है. रोहित शर्मा&विराट कोहली और अश्विन के बगैर अंधूरी टीम! टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी रोहित शर्मा, विराट कोहली और अश्विन के बिना भारत अपने टेस्ट का आगाज करते वाला है. रोहित शर्मा, विराट कोहली और अश्विन तीनों ने ही टेस्ट क्रिकेट से अलविद कर दिया है. रोहित शर्मा, विराट कोहली और अश्विन के बिना टीम कुछ खास नजर नही आ रही है. वही दूसरी तरफ इंग्लैंड टीम अनुभव से लहरेज है. भारत के लिए इंग्लैंड को हराना टेढ़ी खीर जैसा होगा. लेकिन मुकाबला काफी रोमांचक होने के आसार लगाए जा रहे हैं. लीड्स में भारतीय टीम का परफार्मोंस फिसड्डी रहा:...
जिसे भी मौका मिला उसने इतिहास रच दिया! वो चाहे 1950 में बी आर अम्बेडकर हो या फिर 2025 में दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट क्रिकेट कप्तान टेंबा बावुमा, भेदभाव नें टैलेंट पर कसा शिकंजा
देश में सदियों से चले आ रहे भेद-भाव को लेकर लोगों की सोच पर एक और जोरदार झटका लगा है. जिनको यह लगता है कि जातिवाद या काला-गोरा किसी टैलेंट से उपर है उनपर दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट क्रिकेट टीम और उनके अश्वेत समुदाय के कप्तान ने जोरदार तमाचा जड़ा है. 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया. भारतीय संविधान के जनक बी आर अम्बेडकर को माना जाता है. अम्बेडकर की प्रतिभा और देश के प्रति उनकी सोंच पर आज भी सवाल किए जाते रहे हैं. आये दिन भारत में आज भी दलितों के उपर दुनिया भर के अत्याचार झेलने को मिलते है. सरकारी दफ्तर तो छोड़ो निजीकरण की दुनिया में भी उनको (दलितों) को खुद को प्रमाणित करना पड़ता है. दलितों को उनके जाति (सरनेम) के आधार पर नौंकरियां दी जा रही हैं. दलितों की योग्यता उनके जाति के आधार पर तय किया जाता है, वहीं श्रवण जाति के लोगों के लिए उनकी योग्यता उनकी जाति (सरनेम) ही है. जिस देश में मात्र 2% सरकारी नौकरियां है, वहीं 98% पर निजीकर का कब्जा हो वहां पर भेदभाव हाबी नही होगा तो आखिर क्या होगा? भारत वह देश है जहां पर संविधान लागू होने से पहले मनु स्मृति के आधार पर वर्णों ...